बिहार का चर्चित तेजाब हत्याकांड। और शहाबुद्दीन को सदा के लिए सलाखों के पीछे पहुंचाने की जिद लिए तीन बच्चों का श्राद्ध कराने वाले एक वृद्ध पिता की लड़ाई का दंश …सुनिए खुद चंदा बाबू की जुबानी। पाठकों से एक अनुरोध कि इस असहनीय पीड़ा का अहसास करिए और सोचिए…। स्वजनों के साथ, परिजनों के साथ, रिश्तेदार के साथ एकजुट रहिए। एक-दूसरे की मदद करने के लिए तत्पर रहिए, सहयोग करने का भाव अपने अंदर जगाइए …।
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